Why beer bottle only green and brown ?
बियर दुनिया के सबसे पसंदीदा पेय पदार्थ में से एक है। बियर को दुनिया भर में खासा पसंद किया जाता है। अपने दोस्तों के साथ किसी फंक्शन में जाना हो या पार्टी के लिए किसी पब या क्लब में जाना हो इन सब में बियर ही कॉमन चीज है जो आपको हर जगह मिलेगी।
आपको शायद जानकर हैरानी हो पर बियर विश्व का सबसे पुराना तैयार पेय है। संभवत आरंभिक पाषण युग अथवा 9000साल ईसापूर्व तक इसका उल्लेख मिलता है। प्राचीन यूनान और मेसोपोटामिया के लिखित इतिहास में भी इसका ज़िक्र किया गया है। एक पुराणी रिपोर्ट की माने तो दुनिया भर में 43,52,65,50,00,000 बियर की कैन दुनिया भर में पि ली जाती है।
ये आंकड़े भले ही चौंका देने वाले है पर इन सब के अलावा यदि बात बियर की बोतल की की जाए तो क्या आपने कभी सोचा है कि बियर हरे और भूरे रंग की बोतल में ही क्यों आती है। यदि आप बियर पीना पसंद करते है तो आपको नहीं लगता कि आपको इसका कारण पता होना चाहिए। चलिये तो हम बताते है इसके पीछे के विज्ञान को।
पहले सफेद बोतल में रखते थे बियर :
पुरातत्वों द्वारा मिले सबूत के आधार पर बताया जाता है की आज से हज़ारों साल पहले बियर की पहली कंपनी प्राचीन मिस्त्र में खुली थी। जब सफेद पारदर्शी बोतल में बियर रखी जाती थी तो तो पाया गया कि सूर्य की पराबैंगनी की वजह से बियर में तेज बदबू आने लगी है।
सफ़ेद बोतल सूर्य के प्रकाश को बोतल के अंदर की बियर से क्रिया करने से नहीं रोक पाता। जिसकी वजह से बियर में तेज बदबू आती और स्वाद बेहद ही ज्यादा बकवास हो जाया करता था जिसे पिया नहीं जा सकता था।
हरे और भूरे रंग की बोतल में सुरक्षित थी बियर :
जब सफेद बोतल से काम ना चला तो उन बोतल पर भूरे रंग की परत चढाई गयी और ये तरकीब काम कर गयी इसमें बियर बिलकुल सुरक्षित रहने लगी। सालो से दूसरे विश्व युद्ध तक भूरे रंग की बोतल का इस्तेमाल किया गया। जिसके बाद भूरे रंग की बोतल की किल्लत आने लगे और दुसरे विश्व युद्ध के समय ही हरे रंग की बोतल का प्रयोग शुरू किया गया।