यह जरूरी नहीं होता है कि सिर्फ खून के रिश्ते ही निभाए जाते हैं, कुछ लोग इंसानियत के नाते बेनाम रिश्तो की भी कदर करते हैं। आज हम एक ऐसे ही अनूठे रिश्ते के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पुलिसकर्मियों एवं एक बूढ़ी माता जी की है।
यह कहानी है गुजरात के राजकोट में स्थित भक्ति नगर पुलिस थाने का। बता दें कि इस पुलिस थाने में एक 89 वर्षीय वृद्धा आती है और पुलिस वालों से आइसक्रीम लेकर जाती हैं। पुलिस वाले इन्हें अपनी मां के समान मानते हैं और यह बूढ़ी माता जी सभी पुलिस वालों को अपना बेटा समझती हैं।
बता दें कि इनका नाम वीनू बेन अढ़िया है। गौरतलब है कि यह बूढ़ी माता जी इस पुलिस थाने में पूरे साढ़े 3 सालों से आ रही है। पुलिस स्टेशन के सभी पुलिसकर्मी बूढ़ी माता जी को काफी प्यार से बिठाते हैं और उन्हें हर तरफ से मदद करते हैं।
यह बूढ़ी माता जी मेहुल नगर की गली नंबर 6 में रहा करती हैं। पुलिस वालों ने यह बताया है कि वह दिन में दो बार पैदल अपने घर से पुलिस थाने आती है। वह इतनी अधिक उम्र की हैं फिर भी वह साढ़े तीन सालों से आ रही हैं लेकिन आज तक इन्होंने कभी यहां आने के लिए किसी साधन की मदद नहीं ली।
पुलिसकर्मी कहते हैं कि साढ़े तीन सालों पहले वह पुलिस थाने में अपने किसी मालिक की कंप्लेंट करवाने आई थी। बता दें कि पुलिस वालों ने इन पर दया खाई और इनकी समस्याओं को ध्यान से सुना और इनकी समस्या को दूर की। इसके बाद पुलिसकर्मी इन्हें अपनी मां मानने लगे और यह बूढ़ी माता जी इन पुलिसकर्मियों को अपने बेटा की तरह मानने लगी। वे यह भी बताते हैं कि 2 साल पहले बूढ़ी माता जी की तबीयत खराब हो गयी थी, जिसके बाद सभी पुलिस वाले उनकी सेवा में जुट गए और उनकी बीमारी को दूर करने में मदद किए।