आपको बता दें कि पंचायत ने ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ नारे को ध्यान में रखते हुए अपना निर्णय सुनाया है। इसके बाद आप दोनों पक्ष एक दूसरे से अलग हो चुके हैं पंचायत की इस सभा के दौरान लड़का और लड़की और परिवार जन सुनवाई के दौरान मौजूद थे और सभी ने इस फैसले को स्वीकार किया।
बताया गया है कि डेढ़ माह पहले ही घोरघाट के रहने वाले सीताराम पंडित के बेटे सुनील एवं जहांगीर के रहने वाले गुरुदेव पंडित की बेटी नेहा कुमारी की शादी हिंदू रीति रिवाज के अनुसार संपन्न हुई थी लेकिन अचानक से शादी के कुछ दिनों बाद ही नेहा कहां गायब हो गई, जिसके बाद पति सुनील ने भी नेहा को खोजने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन उसका कोई भी पता नहीं चल पाया इसके बाद लड़की के पिता गुरुदेव पंडित ने सुल्तानगंज थाने में अपनी बेटी के अपहरण की FIR दर्ज करवा था, पर जब नेहा को इस बात की खबर हुई तो वह अपने घर पहुंच गई।
घर पहुंचने के बाद नेहा ने खुद बताया कि उनका अपहरण नहीं हुआ है, बल्कि वह पढ़ाई करने के लिए वह खुद पटना चली गई थी और नेहा ने आगे बताया कि उसके ससुराल वाले लोग उसकी आगे की पढ़ाई नहीं करवाना चाहते थे ससुराल वालों ने जब आगे की पढ़ाई के लिए मना किया तब नेहा ने यह कदम उठाया था।
नेहा ने अपने बयान में खुलासा किया कि शादी के बाद ससुराल में उसे पति प्रताड़ित भी किया करता था लेकिन नेहा अपने करियर को लेकर काफी चिंतित थी इसके बाद ही उसने मौका देख कर अपने घर से पटना के लिए भाग गई। ग्राम पंचायत के सरपंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय दिया, और सरपंच ने कहा कि सभी लोग यही चाहते हैं कि दोबारा से नेहा का घर बस जाए लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। आप दोनों पक्ष पंचायत के फैसले के बाद अलग-अलग अपनी रजामंदी के साथ रहेंगे।