यदि आप भारत में रह रहे हैं आपको यह मालूम होगा कि आधार कार्ड ,वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस को सरकारी पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके बाद उसके इन पहचान पत्र का क्या होता है ?
मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को या नहीं मालूम होता है कि मृतक के इन आधिकारिक दस्तावेजों एवं प्रमाण पत्रों के साथ क्या सही प्रक्रिया करनी चाहिए ।और इन्हें कब तक अपने पास रखना चाहिए। लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं है कि क्या आप यह दस्तावेज जारी करने वाली संस्थानों के पास वापस कर सकते हैं ? आज हम आपको ऐसी जानकारी साझा करने वाले हैं कि विशेषज्ञों द्वारा बताई गई है। आइए जानते हैं कि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद उसके इन सरकारी प्रमाण पत्रों के साथ क्या किया जाना चाहिए।
1- आधार कार्ड
आधार कार्ड पर दर्ज नंबर आधार नंबर के रूप में जाना जाता है। यह किसी व्यक्ति के पहचान और प्रमाण के तौर पर उपयोग में लिया जाता है। यह काफी चीजों में उपयोग होता है। जैसे एलपीजी सब्सिडी, छात्रों के लिए छात्रवृत्ति ईपीएफ खाते, आदि। आधार संख्या का महत्वपूर्ण उपयोग है आधार संख्या किसी भी व्यक्ति की विशिष्ट पहचान संख्या होती है। इसीलिए उस व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी को इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि इसका गलत उपयोग ना हो। अभी तक व्यक्ति के आधार कार्ड को रद्द या सरेंडर करने का प्रोसीजर नहीं है। आधार को अपडेट करके उसमें मृतक के बारे में सूचनाएं अपडेट करने की प्रक्रिया अभी तक आई है।
2- वोटर आईडी कार्ड
निर्वाचक रजिस्ट्रेशन नियम 1960 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके वोटर आईडी कार्ड को कैंसिल करने का प्रावधान है । इसके लिए मृतक व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी को स्थानीय चुनाव कार्यालय में जाकर के चुनावी नियमों के तहत फॉर्म 7 भरना होगा। इस फॉर्म के जमा करने के साथ प्रक्रिया शुरू हो जाती है। आपको बता दें कि इस फॉर्म के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र लगाना भी आवश्यक होता है ।
3- पैन कार्ड
पैन कार्ड का उपयोग बैंक खाते से जुड़े काम, आईटीआर एवं आर्थिक लेन देन के लिए किया जाता है। इसका उपयोग मृतक के आईटीआर दाखिल करने के रिकार्ड के तौर पर किया जाता है।जब तक उस व्यक्ति के सभी बैंक खाते बंद नहीं हो जाते हैं। और आयकर विभाग में जब तक आईटीआर दाखिल नहीं हो जाता है । तब तक भी पैन कार्ड का रखा जाना जरूरी होता है। जब आपके आयकर विभाग से जुड़े सभी कार्य पूरे हो जाए तो मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को चाहिए कि वह आयकर विभाग में संपर्क करके वहां पर मृतक का पैन कार्ड सरेंडर कर दें ।
4- पासपोर्ट
विशेषज्ञ का कहना है कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु पर उसके पासपोर्ट को रद्द या सरेंडर करने की प्रक्रिया का कोई प्रावधान अभी तक नहीं है। इसकी जानकारी अधिकारियों को देने की भी कोई प्रक्रिया अभी तक नहीं बनी है। हालांकि यदि किसी की भी पासपोर्ट की समय सीमा खत्म हो जाती है तो यह डिफॉल्टर माना जाता है अमान्य माना जाता है। यदि कानूनी उत्तराधिकारी उसका पासपोर्ट अपने पास रखता है तो या एक बुद्धिमत्ता का निर्णय होगा। क्योंकि कभी विवाद में आने वाली स्थितियों में आप इसे मृतक के प्रमाण पत्र के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
दोस्तों इस बात का ध्यान अवश्य रखें की आधार कार्ड एवं पासपोर्ट ऐसे जो भी प्रमाण पत्र या दस्तावेज हैं जिन्हें आप रद्द या सरेंडर नहीं कर सकते हैं ।उन्हें नष्ट ना करें बल्कि उन्हें मृतक के मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ रखें ताकि है आगे सुरक्षित रहे।