हिंदी सिनेमा जगत की मशहूर अभिनेत्री जयाप्रदा ने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है । जयाप्रदा का अभिनय लोगों को काफी पसंद आता था। और यह लोगों में काफी लोकप्रिय भी थीं। जयाप्रदा की गिनती इनकी समय की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में की जाती थी ।
आपको बता दें कि फिल्मी पर्दे से दूर होने के बाद जयाप्रदा राजनीति के मैदान में उत्तर आई थी। और यह इस क्षेत्र में भी सफल हुई। अभिनेत्री जयाप्रदा लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों की सदस्य रह चुकी हैं । जयाप्रदा ने अपने जीवन में कई मुकाम प्राप्त किये और कामयाबी भी हासिल कि। लेकिन इनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया था जब उनके अंदर जीवन की इच्छा ही समाप्त हो चुकी थी। और जयाप्रदा अपने जीवन का अंत करना चाहती थी।
इस बात का खुलासा खुद जयाप्रदा ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। बता दें की अभिनेत्री जयाप्रदा ने साल 2019 में भाजपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश के रामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। जयाप्रदा इस चुनाव में हार गई थी लेकिन इससे संबंधित उनका एक इंटरव्यू काफी सुर्खियों में रहा था।
बता दें कि साल 2004 और साल 2009 में भी जयाप्रदा ने लोकसभा का चुनाव रामपुर से ही लड़ा था लेकिन उस दौरान उन्होंने सपा के टिकट पर चुनाव जीता था। साल 2009 में अभिनेत्री जयाप्रदा ने सपा की पार्टी के नेता आजम खान पर यह आरोप लगाया था कि आजम खान ने उनकी फेक न्यूड तस्वीरें एवं आपत्तिजनक वीडियो मीडिया में वायरल कर दिए हैं।
जयाप्रदा ने इंटरव्यू के दौरान या बताया था कि आजम खान उनके ऊपर एसिड अटैक भी करवा सकते थे। जयाप्रदा ने बताया था कि वह जब भी घर से बाहर निकलती थी वह अपनी मां को या नहीं बता पाती थी कि वह वापस घर आएंगीं या नहीं आएंगीं। जयाप्रदा का कहना था कि उस वक्त के सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने एक बार भी उनसे इन सारे मामलों एवं हालातों पर बातचीत नहीं की थी।
जया प्रदा यह भी तो बताती है कि ऐसे में केवल अमर सिंह थे जो उनके पक्ष से, उनके लिए खड़े थे। अभिनेत्री जया प्रदा ने यह भी बताया था कि जिस वक्त उनके साथ यह सारी घटनाएं घटी उस वक्त अमर सिंह अपनी किडनी के ट्रीटमेंट के लिए विदेश गए हुए थे। लेकिन जैसे ही वह देश में वापस आए और उन्हें जयाप्रदा के साथ घटी इन घटनाओं की जानकारी हुई उन्होंने जयाप्रदा के हक के लिए अपनी आवाज उठाई। यही कारण है कि जयाप्रदा अमर सिंह जी को अपना गॉडफादर मानती हैं।
बता दें कि साल 2020 में अमर सिंह जी इस दुनिया को अलविदा कह गए इनके निधन का जयाप्रदा को काफी गहरा शोक हुआ था। उन्होंने कहा था कि उन्होंने अपना राजनीतिक गुरु एवं अपने अभिभावक को हमेशा के लिए खो दिया।